क्या तुम्हें पता है - आँखों में अंधेरा छा गया, साँस भी रुक गई पर फिर भी दिल में जान बाक़ी थी
क्या तुम्हें पता है - पहले सुबह उठने से डर लगता था कि तुम दूर हो जाओगे, अब रात को सोने से डर लगता है क्यूँकि तुम दूर हो गए हो
क्या तुम्हें पता है - मैं कोशिश कर के भी तुम से ख़ुद को दूर ना कर सकी, ख़ामोश हो गई, सब अपने अंदर ही दबा गई, पर तुम्हें दर्द ना हो इसलिए कुछ ना कह सकी
क्या तुम्हें पता है - ज़िक्र नहीं करती तुम्हारा कभी, कि मेरा प्यार ना रुसवा हो जाए कहीं, ख़ुद पर मेरा विश्वास ना उठ जाए कहीं
क्या तुम्हें पता है - प्यार इतना किया तुमसे कि दिल अपना तोड़ कर तुम्हें दिखा भी ना सकी, कुछ बता भी ना सकी
तुम कहीं भी रहो, किसी के भी साथ रहो - प्यार मेरे जैसा कोई तुम्हें करे, ख़ुद को हरा के कोई तुम्हें जिये तो कहना कि तुम्हें पता है